रक्षाबंधन शुभ मुहूर्त, संपूर्ण जानकारी ।
हर हर महादेव प्रिय पाठकों,कैसे है आप लोग,आशा करते हैं कि आप ठीक होंगे।
प्रिय पाठकों आज हम आपके लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण और लोकप्रिय त्यौहार रक्षाबंधन की सम्पूर्ण जानकारी लेकर आए हैं - वो भी 2025 के लिए अपडेटेड!
रक्षाबंधन केवल एक त्यौहार नहीं, बल्कि भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का उत्सव है। यह एक ऐसा पर्व है जो प्रेम, विश्वास, सुरक्षा और स्नेह का प्रतीक है।
इस लेख में हम जानेंगे-
- रक्षाबंधन 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त
- राखी बांधने की पूजा विधि
- इस दिन क्या करें और क्या न करें
- रक्षाबंधन से जुड़ी पौराणिक कथाएं
- रक्षाबंधन पर भाई को क्या दें
- रक्षाबंधन पर बहन को क्या दें
- राखी के प्रकार और उनके अर्थ
- रक्षा बंधन का आध्यात्मिक महत्व
- रक्षाबंधन का संदेश
- चलिए शुरुआत करते हैं...
दोस्तों आज इस पोस्ट मे हम बात करेंगे रक्षाबन्धन की। कुछ लोगों का कहना है ,कि रक्षाबंधन 8 अगस्त को मनाना चाहिए और वहीं कुछ लोगों का मानना है कि 9 अगस्त को रक्षाबंधन का त्यौहार मनाना शुभ रहेगा।
आज इस पोस्ट मे हम यही जानेंगे कि रक्षाबंधन का त्योहार किस दिन मनाया जाएगा और इसकी सही तारीख क्या है 8 अगस्त या फिर 9 अगस्त।
प्रिय दोस्तों सबसे पहले तो आप सभी को रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं। मित्रों! जैसा कि आप सभी जानते हैं कि इसबार पूर्णिमा दो दिन की है। 8 तारीख और 9 तारीख ,इसलिए राखी तो दोनों ही दिन बांधी जा सकती है।
लेकिन राखी यदि अत्यंत शुभ मुहूर्त पर बांधी जाये तो भाई के लिए बहुत ही शुभ होता है। गलत मुहूर्त में राखी बाँधना भाई के लिए हानिकारक होता है।
रक्षाबंधन का त्यौहार हर महीने श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। शास्त्रों में ऐसा वर्णन है कि रक्षाबंधन त्यौहार भद्राकाल में भूलकर भी नहीं बनाना चाहिए। भद्रा काल में रक्षा सूत्र यानी कि राखी बांधना बेहद ही अशुभ माना जाता है। कहा गया है कि भद्रा का त्याग करके ही रक्षाबंधन का त्यौहार मनाना चाहिए।
जैसा की आप सभी जानते है दोस्तों ,कुछ वर्षो से हर त्यौहार दो दिन ही पड़ते हैं, जिससे लोगों को बहुत परेशानी होती है,असमंजस मे पड़ जाते की ,करें तो क्या करें?और इस बार तो रक्षाबंधन भी दो दिन का है। यानी के पूर्णिमा तिथि दो दिन पड़ रही है। तो फिर रक्षाबंधन का त्यौहार किस दिन मनाया जाये?
मित्रों, रक्षाबंधन भाई बहन के प्यार का अटूट रिश्ता होता है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और उसकी लंबी उम्र की कामना करती है और भाई भी सदा अपनी बहन की रक्षा करने का वचन देते हैं।
दोस्तों आपको बता दें कि शास्त्रों में भद्रा काल में राखी का त्यौहार मनाना बहुत ही अशुभ बताया गया है। इसलिए भूलकर भी भद्रा काल में आप अपने भाई को राखी कभी ना बांधे।
इसके पीछे एक पौराणिक कथा भी है। ऐसा कहा जाता है कि रावण ने भी भद्रा काल अपनी बहन से राखी बंधवाई थी और ठीक 1 वर्ष के अंदर ही उनका विनाश हो गया।
इसके अलावा मित्रों! भद्रा ,जो की शनिदेव की बहन है,उसे ब्रह्मा जी ने श्राप दिया था कि, जो भी मनुष्य भद्रा काल में कोई शुभ और मांगलिक कार्य करेगा ,उसका परिणाम हमेशा गलत ही होगा।इसीलिए आप भूलकर भी भद्रा के समय रक्षाबंधन का त्यौहार न मनाएं।
रक्षाबंधन पूजा विधि
दोस्तों,रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाई की कलाइयों पर राखी बांधती है और उनकी लंबी उम्र की कामना करते हैं इसीलिए भाई-बहन दोनों को स्नानादि करके और यदि हो सके तो नए वस्त्र पहन कर ही राखी बंधवाये।
यदि नये वस्त्र उपलब्ध न हो तो कोई बात नहीं ,पुराने भी पहन सकते है। लेकिन याद रखें कपड़े, चाहे नये हो या फिर पुराने ,वो काले और नीले रंग के नही होने चाहिए।
उसके बाद दोनो को मिलकर भगवान की पूजा करनी चाहिए। पूजा के लिए, पूजा की थाली अवश्य लगा लें और उसमें रोली चंदन अक्षत राखी मिठाई आदि अवश्य रखें और एक शुद्ध घी का दीपक जरूर रखें जिससे आप अपने भाई की आरती करेंगे।
अब आप पूजा की थाली को सबसे पहले भगवान के पास रखें इसके पश्चात आप अपने भाई को पूर्व या फिर उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठाये। रक्षाबंधन पर सबसे पहले घर के मंदिर में पूजा पाठ हो जाने के पश्चात सबसे पहले भगवान गणेश जी को राखी अवश्य बांधे।
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गणेश जी को राखी बांधने के बाद ,आप भाई की आरती उतारे। अब आप अपने भाई के दाएं हाथ की कलाई में राखी बाँधे और इसके पश्चात भाई का मुंह मीठा करा कर भाई के लिए मंगल कामना करें। और भाई भी अपनी बहनों को रक्षा का वचन और बहनों को उपहार वगैरह अवश्य दें।
रक्षाबंधन 2025 तिथि और शुभ मुहूर्त
रक्षाबंधन 2025 में कब है?
शुभ मुहूर्त (Rakhi Bandhne Ka Shubh Muhurat)
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ
पूर्णिमा तिथि समाप्त
महत्वपूर्ण
प्रिय मित्रों! सही मुहूर्त पर राखी बांधने से भाई को कई गुना शुभ फलों की प्राप्ति होती है। उसका कभी अमंगल नहीं होता। ऐसी बहन का भाई जहां भी जाएगा दिन दुगनी रात चौगुनी तरक्की करेगा, लाखों,करोड़ों मे खेलेगा। रुतबा, पैसा ,धन-दौलत सब कमाएगा। राहु दोष ,पितृ दोष, नजर दोष,मंगल दोष, सबकुछ दूर रहेगा।
रक्षाबंधन से जुड़ी पौराणिक कथाएं
1. द्रौपदी और श्रीकृष्ण की कथा
एक बार श्रीकृष्ण के हाथ में चोट लग गई और खून बह रहा था। द्रौपदी ने तुरंत अपनी साड़ी फाड़कर कृष्ण के हाथ पर बांधा। श्रीकृष्ण ने भावुक होकर वचन दिया
जब तक मेरी सांस चलेगी, मैं तुम्हारी रक्षा करूंगा।
कुरुक्षेत्र में श्रीकृष्ण ने यही वचन निभाया।
2. शुभ और लाभ की बहन रक्षिका
एक पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान इंद्र की पत्नी शचि ने असुरों से उनकी रक्षा हेतु रक्षासूत्र बांधा था। तभी से यह परंपरा चली आ रही है।
3. यमराज और यमुनाजी की कथा
यमुनाजी ने यमराज को राखी बांधी और उनके लंबे जीवन की कामना की। यमराज इतने प्रसन्न हुए कि उन्होंने यमुना को अमरत्व का वरदान दे दिया।
रक्षाबंधन पर किस रंग की राखी ना बाँधे
प्यारी बहनों रक्षाबंधन पर कभी भी भाई को काली राखी ना बांधे क्योंकि ये रंग शुभ नही होता। भाई की कलाई पर हमेशा लाल रंग की राखी बांधना शुभ और मंगलकारी माना जाता है।
इस दिन क्या न करें (रक्षाबंधन पर वर्जित बातें)
- भद्रा काल में राखी बिल्कुल न बांधें (2025 में भद्रा नहीं है, इसलिए राहत है)।
- राखी बांधते समय बहन को चप्पल या जूते नहीं पहनने चाहिए।
- झगड़ा, गुस्सा या कटु शब्दों का प्रयोग न करें।
- इस दिन कोई भी बहन भाई की कलाई खाली न छोड़े।
- भाई को राखी बंधवाने के बाद यात्रा पर न भेजें, कोशिश करें कुछ समय परिवार में ही रहें।
रक्षाबंधन पर बहनो को कौन सा उपहार नहीं देना चाहिए
प्यारे भाइयों रक्षाबंधन पर कभी बहन को उपहार मे चाकू, छुरी आदि नुकीली वस्तुएँ नही देनी चाहिए। इससे बहन के जीवन पर नकारात्मकता का गहरा असर पड़ता है। इसके अलावा जुते, चप्पल और सफेद रंग का कपड़ा भी उपहार में नहीं देना चाहिए।
तो भाई बहन को ये दे सकते हैं
- चांदी का सिक्का
- कानों की बालियाँ
- पर्सनलाइज्ड फोटो फ्रेम
- शुद्ध घी का दीपक या पूजा सामग्री
- दक्षिणा यानी रुपये, सुंदर वस्त्र, आभूषण आदि वस्तुएँ देनी चाहिए।
रक्षाबंधन पर भाई को क्या गिफ्ट दें?
बहनें अपने भाई को स्नेह के साथ कुछ ऐसा दें जो यादगार हो जैसे-
- प्रेरणादायक किताब
- रुद्राक्ष माला या लॉकेट
- हस्तनिर्मित ग्रीटिंग कार्ड
- रक्षा कवच ब्रेसलेट
- धार्मिक वस्त्र जैसे अंगवस्त्र, या कुर्ता
- पौधा (environment friendly gift)
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राखी के प्रकार और उनके अर्थ
1. मोली राखी
साधारण लाल-पीले धागे की राखी, जो बहुत शुभ मानी जाती है।
2. रुद्राक्ष राखी
रुद्राक्ष वाला धागा शिव कृपा के लिए बांधा जाता है।
3. लक्ष्मी राखी
बहन लक्ष्मी रूप में आती है और घर में सुख-समृद्धि लाती है।
4. ब्रह्मा-मंत्रित राखी
जिसे पहले पंडित द्वारा पूजा करवाया जाता है।
5. इको-फ्रेंडली राखी
मिट्टी, बीज, या कपड़े से बनी राखियां पर्यावरण को ध्यान में रखती हैं।
रक्षाबंधन का आध्यात्मिक महत्व
रक्षाबंधन केवल भाई-बहन का त्योहार नहीं, ये धर्म और संस्कृति की रक्षा का भी प्रतीक है।
यह हमें सिखाता है कि रिश्ते केवल खून से नहीं, भावनाओं से बनते हैं।
यह पर्व कर्तव्यों की याद दिलाता है: भाई का बहन के प्रति और बहन का घर के प्रति।
रक्षाबंधन का संदेश
रक्षाबंधन एक ऐसा दिन है जब बहनें प्रार्थना करती हैं अपने भाई की लंबी उम्र और सुखद जीवन के लिए, और भाई संकल्प करता है कि वह हर संकट से बहन की रक्षा करेगा।
इस दिन सिर्फ राखी बांधना ही नहीं, दिल से प्रेम, सम्मान और आदर देना भी ज़रूरी है।
मित्रो ,ये थी रक्षाबंधन की कुछ मुख्य जानकारियां आशा करते है की ये जानकारी आपके काम आए। आप सभी बहन-भाइयों को रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाए
So , dear readers हम आशा करते हैं कि आपको पोस्ट पसंद आई होगी। हम उम्मीद करते हैं कि आपको आपके प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा। फिर भी यदि कोई शंका हो तो आप कमेंट कर सकते हैं। vishvagyaan मे अगली पोस्ट के साथ फिर से मुलाकात होगी। तब तक के लिय आप हंसते रहिए,मुस्कराते रहिए और औरों को भी खुशियाँ बांटते रहिए।
धन्यवाद
जय श्रीराम